Not known Facts About हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे



पायरिया होने पर हल्दी में सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करने से लाभ मिलता है। मसूड़ों पर मालिश करने के बाद गर्म पानी से कुल्ला करे आपको फायदा होगा।

हल्दी में एंटी कैंसर इफेक्ट होता है । जो कैंसर के सेल को खत्म करता है । इससे पेट का कैंसर ब्रेस्ट कैंसर आदि में फायदा हो जाता है ।

• आग या गरम चीज के जलने पर भी हल्दी का उपयोग किया जाता है । अगर हमारा हाथ जल जाता है या आग की चपेट में आ जाता है या किसी गरम चीज की वजह से जल जाता है, तो हल्दी एक चम्मच और एक चम्मच एलोवेरा का जेल लेकर उसका पेस्ट बनाकर जहां पर जलने के निशान हैं, वहां पर यह पेस्ट लगाकर सूखने दें । आपकी त्वचा के दाग चले जाएंगे ।

हेयर मास्क को बनाने के लिए आप एक बाउल में सभी चीजों को मिला लें।

मुँह के छालों का होना पाचन क्रिया के खराब होने के कारण होता है। हल्दी में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचकाग्नि को ठीक कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करती है, जिससे मुँह के छालों में आराम मिलता है साथ हि इसमें रोपण (हीलिंग) का भी गुण पाया जाता है जो की मुँह के छालों को जल्द भरने में सहायक होती है।

इसके बाद माइल्ड शैंपू से बालों को नॉर्मल पानी से धो लें।

बहुत से हल्दी पाउडर में सीसा की उच्च मात्रा होती है। जो की एक भारी धातु है और विशेष रूप से तंत्रिका तंत्र के लिए विषाक्त है।

हल्दी बहुत सी पाचन तंत्र की समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। यही कारण है कि इसे एक महत्वपूर्ण मसाले के रूप में हर घर में उपयोग किया जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक हैं जो आंत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पेट के अल्सर और कोलाइटिस को ठीक करता है। यह बेहतर पाचन में मदद करती है और अल्सर, दस्त, अपच आदि को रोकती है। हल्दी पित्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जो वसा पाचन में मदद करता है। भूख और अपचन का इलाज हल्दी वाला दूध पिने से किया जा सकता है।

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हल्दी का सेवन करने के लिए आप इसके सप्लीमेंट्स भी ले सकते है या इसे मसाले के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।

पिसी हुई हल्दी को तवे पर अच्छी तरह सेंक लीजिए फिर इस सिकी हुई हल्दी से रोज़ाना सुबह मंजन करें इससे दांत मजबूत होते हैं और हिलना रूक जाते हैं।

अर्थराइटिस की समस्या या जोड़ों में दर्द की समस्या है तो इससे निजात पाने के लिए हल्दी का सेवन करे। हल्दी का सत का सेवन करने से अर्थराइटिस के लक्षणों में जैसे: दर्द, सूजन को कम करने में मदद करता है। शरीर में किसी जगह पर दर्द या सूजन है तो हल्दी का लेप लगाने से आराम मिलता है।

इसके साथ ही आयुर्वेद में भी हल्दी का उपयोगी स्थान पाया गया है। प्राचीन काल से ही इसके औषधीय गुणों के कारण इसको आयुर्वेद में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके अनेक लाभों के कारण इसे कई प्रकार से प्रयोग में लाया जाता है। यह दवाई की तरह भी इस्तेमाल होती है और सौंदर्य उत्पाद की तरह भी।

दूध में शक्कर की website जगह शहद मिलाकर इस्तेमाल करें या फीका ही इस्तेमाल कर सकते हैं फ़ायदा जरूर होगा।

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